भोपाल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने कहा है कि मध्य प्रदेश के शिक्षा परिसरों में छात्राएं असुरक्षित हैं और उनके शोषण की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। संगठन ने इन मामलों की जांच के लिए एक आयोग बनाने और विश्वविद्यालयों में महिला प्रकोष्ठ गठित करने की मांग सरकार से की है।
अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विष्णुदत्त शर्मा के मुताबिक इस संबंध में राज्य सरकार से 280 शिकायतें की गई, मगर कोई कार्रवाई नहीं होने से छात्राओं का शोषण करने वालों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि छात्रावासों में रहने वाली छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं। शर्मा ने जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज में किस्मत के बदले अस्मत, ग्वालियर के फिजिकल डिपार्टमेंट की छात्रा का विभागाध्यक्ष द्वारा शोषण और खंडवा के कृषि महाविद्यालय की घटना का उदाहरण देते हुए मौजूदा हालातों पर चिंता जताई। अभाविप नेता ने कहा कि भले ही प्रदेश में भाजपा की सरकार हो पर विश्वविद्यालयों और कालेज परिसरों के जो हालात हैं, उनको सामने लाने में उन्हें कोई गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्राओं के शोषण के मामलों का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि ज्यादातर प्रकरणों में गुरुओं की भूमिका सवालों के घेरे में है। उन्होंने पिछले दिनों खंडवा के कृषि महाविद्यालय में छात्रा के कथित उत्पीड़न के मामले में एक प्राध्यापक के मुंह पर कालिख पोतने से सदमे में आए उनके साथी प्राध्यापक सुरेंद्र सिंह ठाकुर की मौत के मामले में भी सफाई दी और कहा कि वह इस घटना का समर्थन नहीं करते। शर्मा के अनुसार जबलपुर चिकित्सा महाविद्यालय में परीक्षा में अंक दिए जाने के नाम पर छात्राओं के साथ जो हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एक छात्रा को गोली मार दी गई थी, जिसमें कई नेताओं के नाम भी सामने आए थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि अभाविप छात्र हितों की लड़ाई लड़ने वाला संगठन है और वह उससे डिगेगा नहीं। उन्होंने बताया कि एबीवीपी ने अपने रुख से राज्य सरकार को अवगत करा दिया है। अवनीश। 22 मार्च, 2011
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