अवनीश सिंह
इसे कहते हैं बहुमत में जल्दी बड़ा "जुर्माना"। भारतीय राजनीति पर एहसान कहिए विकीलीक्स का जिसने जुर्माना को हर्जाना बना दिया। जिसे चुकाने में अब पीएम साहब खुद चुक रहे हैं। टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ.....पीएम कह रहे है पता नहीं। कॉमनवेल्थ घोटाला हुआ....पीएम कह रहे है पता नहीं। थॉमस की अवैध नियुक्ति पर पीएम कह रहे है पता नहीं। 14 वीं लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने के दौरान सांसदों का खरीद फरोख्त हुआ....पीएम कह रहे है पता नहीं। जब कुछ पता नहीं है साहब तो पीएम बने रहने की मजबूरी क्या है।
22 जुलाई 2008 को हुई सियासी हादसे का चश्मदीद आप से बड़ा कौन होगा। सरकार को कंधा देने की नौबत आ गयी थी। लेकिन....इंतजाम इतना पक्का था कि.....आप के श्रीमुख से निकली शायरी पर आपके सहयोगी दलों के नासमझों ने भी खूब ताली पीटी थी। अब तो विकिलीक्स के खुलासे से सियासी गलियारों में खलबली मच गयी। अजित कह रहे हैं हमारे सांसदों ने वोट नहीं दिया। मुलायम सिंह तो वोट देकर फंस गए। और लेफ्ट तो अमेरिका की मां की आंख में ही यकीन रखता है।
अब तो प्रधानमंत्री के बारे में यह अवधारणा बन चुकी है कि इस सरकार को कोई अदृश्य शक्ति चला रही है। वह संवैधानिक दृष्टि से संसद के प्रति जवाबदेह हैं, लेकिन वस्तुतः वह सोनिया गांधी के प्रति उत्तरदायी हैं। वह मंत्रिपरिषद के प्रधान हैं, लेकिन मंत्रिगण उनकी बात नहीं सुनते। वह स्वयं ईमानदार हैं, लेकिन सरकारी भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। वह अंतरराष्टीय ख्याति के अर्थशास्त्री हैं, लेकिन महंगाई जैसी आर्थिक समस्या के सामने ही उन्होंने हथियार डाले हैं।
पीएम साहब ...शर्म करो उस शक्तिबोध को जो इस फरेब को राजनीतिक आस्था में तब्दील करने के लिए जालिम बना रही है। इस अंधेरगर्दी पर विकीलीक्स का चाबुक ऐसा हिसाब लेगा किसी ने नहीं सोचा था। 23 मार्च 2011 को लोकसभा में सुषमा स्वराज मनमोहन सिंह पर बरस पड़ी। कहा जब कुछ पता नहीं है तो पीएम क्यों बने हैं। सुषमा के पांच सवालों के चक्रव्यूह में यूपीए सरकार छटपटा रही थी। लेकिन जब-जब सरकार ने मुंह खोला तो यही निकला...यकीन करिए विश्वास मत के दौरान "मन" ठीक था।
देश की जनता को अपने प्रधानमंत्री की इस ईमानदारी और वास्तविक स्वीकारोक्ति की तारीफ करनी चाहिए। प्रधानमंत्री की बातों से यह तो स्पष्ट हो गया है हमारे देश के विद्वान प्रधानमंत्री कई अंतर्विरोधों के शिकार हैं। वह सरल ह्दय गैरराजनीतिक व्यक्ति हैं, लेकिन देश के राजप्रमुख हैं।
घोटाले दर घोटाले
महंगाई घोटाला:- इस सरकार का सबसे बड़ा घोटाला महंगाई है जिससे देश का हर आम नागरिक परेशान है! सरकार की नीतियों की वजह से बाजार में जरूरी चीजो के दाम आसमान छू रहे है और बिचौलिये मालामाल हो रहे है! महंगाई कई गुना बढ चुकी है !कुछ सस्ता हुआ है तो बस लोगो की जान!
एस बैंड घोटाला :-सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय के नियंत्रण में काम करने वाली अंतरिक्ष संस्था इसरो ने एक निजी कम्पनी देवास के हाथ कौड़ियो के मोल लाइसेंस बेच कर देश को 2 लाख करोड़ का चुना लगा दिया! इतनी रकम से छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य का हर व्यक्ति लखपति बन सकता था! इस घोटाले से न सिर्फ देश का आर्थिक नुकसान हुआ है बल्कि उसकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ गयी है !लाइसेंस लेने वाली कम्पनी में खुद इसरो के अधिकारी हिस्सेदार है! यह घोटाला सीधे प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर सवाल खड़ा करता है!
2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला :- मोबाईल कंपनियों को नाम मात्र की कीमत पर लाइसेंस देकर एक लाख सत्तर हजार करोड़ का वारा न्यारा कर दिया गया !इतने पैसो से देश भर में सड़क,अस्पताल और स्कूल बनाये जा सकते थे! CBI ने तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा को ही अपनी गिरफ्त में लिया है! लेकिन इतना बड़ा घोटाला क्या उन्होंने उच्च पदों पर बैठे लोगो की सहमती के बगैर कर डाला! नीरा राडिया के टेप से यह बात जाहिर हो गया है कि राजा को मंत्री बनाने में दलालों एवं गैर सवैधानिक हस्तियों ने प्रमुख भूमिका निभाई थी! नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने यह रिपोर्ट दी है कि इस घोटाले के कारण देश का 1.77 लाख करोड़ रुपया लूट लिया गया!
कामनवेल्थ घोटाला:- पिछले साल दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलो का घोटाला फूटा! इसने सारी दुनिया के आगे देश का सिर शर्म से झुका दिया !पुरे आयोजन में 58 हजार करोड़ कि गड़बड़ी उजागर हुई है! आयोजन समिति के मुखिया सुरेश कलमाड़ी को इसका जिम्मेदार मन गया,पर अभी तक वे सिर्फ अपना पद गंवा कर सुरक्षित बचे हुए है!
आदर्श घोटाला:- मुंबई के पाश इलाके में सेना कि जमीन पर कारगिल के शहीदों के लिए 6 मंजिला ईमारत में फ़्लैट बनाने कि बात हुई! लेकिन नेताओ और अफसरों कि मिलीभगत से ये ईमारत 31 मंजिला बन गयी और शहीदों के लिए आरक्षित घर की जगह नेताओ के घरवालो ने ली की, नेताओं ने बंदरबाट कर ली! फ्लेटो कि बाजार में कीमत 8.5 करोड़ है! फ्लेट पाने वालो में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साले, साली और सास भी शामिल है! घोटाले के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री को कुर्सी छोडनी पड़ी और उन पर मुकदमा भी चलाया जा रहा है!
खाधान्न घोटाला :-उत्तर प्रदेश में करीब 35 हजार करोड़ रूपये का अनाज अफसरों ने मिलीभगत कर देश के दुसरे शहरो और विदेशो में बेच दिया! यह अनाज विभिन्न योजनाओ के तहत गरीबो को दिया जाने वाला था! इलाहबाद हाईकोर्ट ने इस घोटाले कि पूरी जांच CBI को सौंप दी है! सात साल तक चली इस हेरा फेरी को लेकर यूपी में करीब पांच हजार FIR दर्ज है!
सडा-गला खाधान्न घोटाला:- इस घोटाले में 58 हजार करोड़ का नुकसान देश को हुआ है! भाजपा का आरोप है कि जानबूझ कर अनाज को सडाया गया ताकि शराब लाबियो को सस्ते दामो पर उसे बेचा जा सके! FCI के गोदामों में रखा 67 हजार 542 टन अनाज सड़ गया! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि इस अनाज को देश के 40 हजार करोड़ गरीब लोगो के बिच बाट देना चाहिए! लेकिन केंद्र सरकार कि मंशा शराब लाबियो को लाभ पहुचने कि थी इसलिए उसने इसे मानने से इंकार कर दिया!
हाऊसिंग लोन घोटाला:-CBI ने नवम्बर 2010 में हाऊसिंग घोटाले का भी पर्दाफास किया! उसके मुताबिक यह पूरा घोटाला 1000 करोड़ रूपये का है! इस सिलसिले में LIC हाऊसिंग फायनेंस के CEO रामचंद्रन नायर के आलावा विभिन्न बैंको और वित्तीय संस्थाओ के कई बड़े अधिकारी गिरफ्तार किये गये !
पामोलिन घोटाला :- घोटालो के आरोप से घिरे केरल केडर के IS अधिकारी पी जी थामस को आपत्ति के बावजूद मुख्य सतर्कता आयुक्त बनाया गया! केरल में वर्ष 91-92 में सिंगापूर से पामोलिन तेल आयात किया गया था !थामस पर यह आरोप है कि उसने तेल कि अधिक कीमत चुकाकर 2.32 करोड़ रूपये का नुकसान देश को पहुचाया था! 2003 में विजिलेंस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कि और आरोपियों कि सूची में थामस का नाम शामिल किया! थामस को हटाने कि मांग लम्बे समय से कि जा रही थी लेकिन सरकार अपने फायदे के लिए उसे बचाती रही अंतत: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस घोटालेबाज अफसर को पड़ छोड़ना पड़ा!
IPL घोटाला:- IPL की कोच्ची टीम कि नीलामी में गलत ढंग से UPA के मंत्री शशि थरूर कि पत्नी कि कम्पनी को 10 प्रतिशत कि हिस्सेदारी देकर करीब 70 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया! इस मामले में जंहा शशि थरूर को मंत्री पद गवाना पड़ा वही इस घपले कि सुई केन्द्रीय मंत्री शरद पवार एवम प्रफुल्ल पटेल कि और भी घूमी! आरोप है कि इनके परिवार के सदस्यों का भी इसमें शेयर था!
काला धन:- घरलू मोर्चे पर जंहा देश कि जनता बदहाल है वही कुछ वर्ग विशेष के लोगो कि काली कमाई में अपार वृद्धि हुई है! दुनिया के 22 देशो में भारतीयों कि 15 हजार करोड़ रूपये कि काली कमाई जमा होने कि जानकारी लग चुकी है !एक आकलन के अनुसार विदेशो में जमा धन भारत के सकल घरलू उत्पाद से भी ज्यादा है !उन पैसो से देश के सभी हिस्सों कि सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, मकान आदि कि जरूरत पूरी कि जा सकती है! यदि घोटाले कि पूरी रकम का उचित उपयोग किया जाता तो शायद देश के हर नागरिक का विदेशी कर्ज चुकाया जा सकता था! यह संदेह पैदा होने के पर्याप्त कारण है कि केंद्र सरकार जानबूझकर काली कमाई करने वाले लोगो को बचा रही है!
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि आजादी के इतने बरसों के बाद भी देश में लंबे समय तक शासन का अनुभव रखने वाली कांग्रेस सरकार को अभी तक यह समझ में नहीं आया है कि भ्रष्टाचार से कैसे निपटा जाए? भ्रष्टाचार ने सरकार की छवि को बट्टा लगाया है। भ्रष्टाचार के चलते अंतरराष्टीय स्तर पर देश की छवि भी धूमिल हुई है। यह तो स्पष्ट हो चुका है कि संप्रग सरकार घोटालों की प्रतीक बन गई है। आए दिन घोटाले की खबरें आ रही हैं। आजादी के बाद इतना कमजोर प्रधानमंत्री शायद किसी ने देखा हो, जिसका अपनी सरकार के काम-काज पर ही नियंत्रण नहीं है।
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