शुक्रवार, 4 मार्च 2011

युवा शक्ति से होगा राष्ट्रीय समस्याओं का निराकरण

इलाहाबाद। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने देश के युवाओं से भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने की अपील की है। शनिवार को माघ मेला स्थित महामना मदनमोहन मालवीय नगर में आयोजित अभाविप के 50 वें अधिवेशन के उद्घाटन के अवसर पर महामंत्री उमेश दत्त ने कहा कि परिषद भ्रष्टाचार के मुद्दे को जनमानस तक ले जायेगी और सरकार को निर्णायक कार्रवाई करने पर बाध्य करेगी। राष्ट्रमंडल खेल, टू-जी स्पेक्ट्रम और आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटालों में केन्द्र सरकार की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री अपने को असहाय बता रहे हैं। इससे वे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।

दत्त ने कहा कि देश के सामने आतंकवाद, विदेशी घुसपैठ, बेरोजगारी, महंगाई, नक्सलवाद, शिक्षा का व्यापारीकरण सहित कई समस्याएं विकराल रुप धारण कर रही हैं। इन सारी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए युवा शक्ति को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकारी सत्ता से देश की समस्याओं का निराकरण संभव नहीं है इसके लिए समाज बदलने की आवश्यकता है और वह समाज ऐसा हो जिसके हृदय में देश मेरा है और इस देश की समस्याओं का निजात दिलाना मेरा कर्तव्य है, इसका भाव कूट-कूट कर भरा हो। अभाविप की 61 वर्षों की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि परिषद ने अपने स्थापना काल से ही शिक्षा के भारतीयकरण के विषय को जोरदार तरीके से उठाया है। परिषद छात्रों की समस्याओं के लिए ही नहीं संघर्ष करती बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपनी आवाज बुलंद करती है। उन्होंने कहा कि अभाविप ने ‘छात्र आज का नहीं, कल का नागरिक’ है की धारणा को तोड़ते हुए यह साबित कर दिया है कि ‘छात्र कल का नहीं, अपितु आज का नागरिक’ है क्योंकि समाज की सभी प्रकार की समस्याओं से छात्र भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि देश को दिशा व दशा देने में पूर्वांचल का बहुत बड़ा योगदान रहा है। देश की वर्तमान समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए एक बार फिर बड़े आन्दोलन की आवश्यकता है जिसकी शुरुआत पूर्वांचल की धरती से ही होगा।

समारोह में परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश शुक्ल ने कहा कि युवा वही है जिसके अन्दर देश के प्रति अटूट श्रद्धा, निष्ठा, समर्पण व विवेक का ज्ञान हो जिसके बल पर वह जैसा चाहे वैसा परिवर्तन ला सकता है। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रान्त के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. विवेक निगम ने कहा कि अभाविप भारत का ही नहीं वरन् विश्व का सबसे अनोखा आदर्श छात्र संगठन है। इसके अनूठेपन का सबसे बड़ा उदाहरण यही है कि प्रवाहमान छात्रों का संगठन होते हुए भी 61 वर्षों से लगातार स्थाई रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद का उद्देश्य है कि देश में एक ऐसा आन्दोलन चलाया जाये जो समाज के अंदर एक नयी उर्जा का संचार कर सके। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेन्द्र तिवारी व आभार ज्ञापन स्वागत मंत्री हेमन्त कुमार ने किया। इसके पूर्व उद्घाटन सत्र के स्वागताध्यक्ष विकाश चन्द्र त्रिपाठी ने अधिवेशन में आये परिषद के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मां सरस्वती और स्वामी विवेकानन्द के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मनोजकान्त, संतोष दत्त, डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, अम्बरीश, भूपेन्द्र कुमार, सुधीर केशरवानी, श्याम नारायण, श्याम प्रकाश, आशुतोष, क्षिप्रा, देवेन्द्र, अनूप सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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