सोमवार, 23 मई 2011

भ्रष्टाचार के खिलाफ एबीवीपी का शंखनाद

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए एक यूथ फोरम की घोषणा की है। नई दिल्ली में संगठन द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में यूथ अगेंस्ट करप्शननाम के इस मंच की घोषणा की गई। ये मंच पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने और जनजागरण का काम करेगा।

यूथ अगेंस्ट करप्शन भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए समाधान की दिशा में कोशिश करेगा और जनादेश तैयार करने के लिए देश भर में अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम, धरना, प्रदर्शन, सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करेगा। विदेश में स्थित बैंकों से भारतीय धन वापस लाने हेतु नए कानून बनाने की पहल भी ये मंच कर रहा है। आज हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में एक ड्राफ्ट बिल भी प्रस्तावित किया गया. इसे देश की सबसे बड़ी पंचायत में पेश करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।

इस फोरम की राष्ट्रीय टीम और प्रांतीय संयोजकों की घोषणा एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त ने आज की. फोरम के राष्ट्रीय संयोजक सुनील बंसल (दिल्ली) तथा सह-संयोजक के रूप में विष्णुदत्त शर्मा (भोपाल), डॉ. रश्मि सिंह (दिल्ली), एन रविकुमार (बेंगलुरु) को बनाया गया है. इस पहल को समाज के विभिन्न प्रबुद्धजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त है। केंद्रीय टीम में अशोक भगत (रांची) और के जे अलफांस (केरल) मार्गदर्शक के रूप में रहेंगे तथा अन्य सदस्यों में आनंद कुमार (पटना), आर. सुब्रमनियम (बेंगलुरु), गोपाल अग्रवाल (दिल्ली), विनीत चौहान (राजस्थान) शामिल है

एबीवीपी 15 से 30 मई के बीच प्रांत और जिला केंद्रों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन और अन्य प्रकार की गतिविधियां आयोजित करेगी. इस अभियान से विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों को जोड़ने की भी तैयारी है. गुरूवार को आयोजित सम्मेलन में अशोक भगत, आर बालसुब्रमनियम, के जे अल्फांस, विनीत चौहान ने सहभागिता की. अशोक भगत ने आपातकाल आंदोलन में हिस्सा लिया और आजकल झारखंड के जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। आर बालसुब्रमनियम कर्नाटक में आरटीआई कार्यकर्ता हैं जो विवेकानंद यूथ मूवमेंट नाम के संगठन के माध्यम से समाज के पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रहे हैं। के जे अल्फांस 1992-2000 तक डीडीए के कमिश्नर रह रहे जिसके तहत उह्नोंने 15000 से अधिक अवैध इमारतें गिराईं। 2006 में आईएएस सेवा छोड़ी और सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हुए।

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